तस्वीर बनाता हूं तेरे चेहरे जैसी हूबहू नही बनती मेरी आँखों मे जो कैद है तेरी सूरत प्यारी उस प्यारी सूरत जैसी तस्वीर नही बनती मैं तन्हा क्या कर पाऊंगा मरासिम तकदीर बनाता हूं तकदीर नही बनती इन स्याह रंगों कि , कुछ तो है जादूगरी मैं चलाता हूं कूची इक तेरे सीवा कोई और सूरत नही बनती तस्वीर बनाता हूं तेरे जैसी नही बनती तस्वीर बनाता हूं #तस्वीर बनाता हूं