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हर अंजान चेहरे को मिलने से कतराता हूं मैं, बहुत ब

हर अंजान चेहरे को मिलने से कतराता हूं मैं, 
बहुत बेबाक लोगों के सामने कहा बोल पाता हूं मैं;
सबका भला सोचूं ये तो संस्कारों में है मेरे, जो सोच रहा वो जतलाउ बस यही पीछे रह जाता हूं मैं;
चाहत तो है कि खुद को बदल के रख दूं, पर जो-जो चाहा कहा कर पाता हूं मैं;
बस इस झिझक से छूटकारा पाना है जिंदगी में अब, हर रात यहीं सोचता हूं फिर आंखें मूंद कर सो जाता हूं मैं।

©Amardeep Jaiswal
  #Nojoto #nojotohindi #jhijhak #introvert #Self #amardeepjaiswal Sk Manjur  "अब्र" 2.0 kiran kee kalam se  Anupriya Das Jaislline
हर अंजान चेहरे को मिलने से कतराता हूं मैं, 
बहुत बेबाक लोगों के सामने कहा बोल पाता हूं मैं;
सबका भला सोचूं ये तो संस्कारों में है मेरे, जो सोच रहा वो जतलाउ बस यही पीछे रह जाता हूं मैं;
चाहत तो है कि खुद को बदल के रख दूं, पर जो-जो चाहा कहा कर पाता हूं मैं;
बस इस झिझक से छूटकारा पाना है जिंदगी में अब, हर रात यहीं सोचता हूं फिर आंखें मूंद कर सो जाता हूं मैं।

©Amardeep Jaiswal
  #Nojoto #nojotohindi #jhijhak #introvert #Self #amardeepjaiswal Sk Manjur  "अब्र" 2.0 kiran kee kalam se  Anupriya Das Jaislline