मेरि कस्ती की तूफां में फकत लंगर का सहारा था लगी जब डूबने कस्ती तो देखा किनारा था। किनारे आ के भि मेरे दिल में साहिल की हसरत थी मरा साहिल पे इस वास्ते की किस्मत का मारा था।। arun