तुम्हारे बगैर दिल का मौसम जर्द है मैं तनहा सफर का तनहा मुसाफिर हूँ और धूप बहुत तेज़ है कितने ओढे हुए है नकाब अपनेपन का झूठ के आसमान में इन दिनों फरेब की धूप बहुत तेज़ है 'धूप बहुत तेज़ है' तुम्हारे बग़ैर यह सफ़र रेगिस्तानी लगता है। न कोई पेड़ न कोई सराय उस पर मुश्किलों की ये तेज़ धूप। Collab करें YQ Didi के साथ। #धूपतेज़है