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पेड़ों से पत्तों की भाँति युवा जिंदगी से टूट रहे

पेड़ों से पत्तों की भाँति 
 युवा जिंदगी से टूट रहे
 ना जाने किन वजहों से
 उनके साथ हमसे छूट रहे
 मन मस्तिष्क पर अथाह दबाव
 ना वह सह सक रहे 
 नाता तोड़ इस जग से
 जाने पर वह मजबूर हो रहे
 वेदना पीड़ा की इन बातों को
 गंभीर से इन विषयों को
 ना कोई प्रकट कर रहे
 लगा हर कोई भार स्वरूप व्यस्त जीवन में
 ना कोई किसी को समझ रहे
 युवाओं की सर्वाधिक आबादी में
 युवा ही युवा से बिछड़ रहे
©kirtesh #youth #endyouthvoilence #nojoto #poem
पेड़ों से पत्तों की भाँति 
 युवा जिंदगी से टूट रहे
 ना जाने किन वजहों से
 उनके साथ हमसे छूट रहे
 मन मस्तिष्क पर अथाह दबाव
 ना वह सह सक रहे 
 नाता तोड़ इस जग से
 जाने पर वह मजबूर हो रहे
 वेदना पीड़ा की इन बातों को
 गंभीर से इन विषयों को
 ना कोई प्रकट कर रहे
 लगा हर कोई भार स्वरूप व्यस्त जीवन में
 ना कोई किसी को समझ रहे
 युवाओं की सर्वाधिक आबादी में
 युवा ही युवा से बिछड़ रहे
©kirtesh #youth #endyouthvoilence #nojoto #poem