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बेटियाँ आंगन की चिड़िया कही मिट्टी, कही सोने, कही

बेटियाँ आंगन की चिड़िया

कही मिट्टी, कही सोने,  कही कागज की गुड़िया हैं 
मेरी नन्ही सी बेटी तो मेरे   आंगन की चिडिया हैं ॥ 1॥

मेरी धड़कन में रहती हैं   मेरी साँसो  में बसती हैं। 
वो  माँ का नूर लगती हैं   पिता  के प्राण लगती  हैं॥2॥

  कभी दादी , कभी नानी, कभी भैया की बहना हैं । 
 वो हीरा सी दमकती हैं  चमकते मोती  की लड़ियां हैं॥3॥
कभी झुमकी  कभी कंगन कभी  पहने नथनीयां  हैं।
पहन कर सोने की पैंजनिया  रुकमण सी दुल्हनियां हैं ॥4॥
कभी  वंदन कभी चंदन कभी कंठी की माला हैं ।
जो पंखो से उतरती हैं पावन सी वो परियां है। ॥5॥

संभालो बेटियो को "सत्य "गीता कुरान वालों  वो।
 आब ए जमजम की मटकी हैं अमृत की गगरिया हैं ॥6॥ #girl #rahultiwariबेटियाँ आंगन की चिड़िया

कही मिट्टी, कही सोने,  कही कागज की गुड़िया हैं 
मेरी नन्ही सी बेटी तो मेरे   आंगन की चिडिया हैं ॥ 1॥

मेरी धड़कन में रहती हैं   मेरी साँसो  में बसती हैं। 
वो  माँ का नूर लगती हैं   पिता  के प्राण लगती  हैं॥2॥
बेटियाँ आंगन की चिड़िया

कही मिट्टी, कही सोने,  कही कागज की गुड़िया हैं 
मेरी नन्ही सी बेटी तो मेरे   आंगन की चिडिया हैं ॥ 1॥

मेरी धड़कन में रहती हैं   मेरी साँसो  में बसती हैं। 
वो  माँ का नूर लगती हैं   पिता  के प्राण लगती  हैं॥2॥

  कभी दादी , कभी नानी, कभी भैया की बहना हैं । 
 वो हीरा सी दमकती हैं  चमकते मोती  की लड़ियां हैं॥3॥
कभी झुमकी  कभी कंगन कभी  पहने नथनीयां  हैं।
पहन कर सोने की पैंजनिया  रुकमण सी दुल्हनियां हैं ॥4॥
कभी  वंदन कभी चंदन कभी कंठी की माला हैं ।
जो पंखो से उतरती हैं पावन सी वो परियां है। ॥5॥

संभालो बेटियो को "सत्य "गीता कुरान वालों  वो।
 आब ए जमजम की मटकी हैं अमृत की गगरिया हैं ॥6॥ #girl #rahultiwariबेटियाँ आंगन की चिड़िया

कही मिट्टी, कही सोने,  कही कागज की गुड़िया हैं 
मेरी नन्ही सी बेटी तो मेरे   आंगन की चिडिया हैं ॥ 1॥

मेरी धड़कन में रहती हैं   मेरी साँसो  में बसती हैं। 
वो  माँ का नूर लगती हैं   पिता  के प्राण लगती  हैं॥2॥