२०२२ सभी के लिए अत्यंत शुभ हो... सोच अब ख़ामोश सी होती जा रही है कि अब ज़्यादा सोंचने को ज़ी नही चाहता, शेष ✍️अनुशीर्षक में पढ़ें...🙏🙏 सोच अब ख़ामोश सी होती जा रही है कि अब ज़्यादा सोंचने को ज़ी नही चाहता, अब बस पुरानी उलझनों से निकल लूं कि अब नई उल्फतों से उलझने को ज़ी नही चाहता जो निभा अभी तलक निभ जाए वो यूं ही कि अब और नफ़ासत दिखाने को ज़ी नही चाहता