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प्रिय दुख अब तुमसे भी क्या पूछना कि कैसे हो? प्रि

प्रिय दुख
अब तुमसे भी क्या पूछना
कि कैसे हो?
 प्रिय दुख,
मेरे जन्म जन्म के साथी, 
तुमसे क्या पूछूं कि कैसे हो?
बचपन में एक गाना सुना था,
 राही मनवा दुख की चिंता क्यों सताती है, 
दुख तो अपना साथी है......
काश ये तथ्य तभी समझ आ जाता ...
मगर आता कैसे?
प्रिय दुख
अब तुमसे भी क्या पूछना
कि कैसे हो?
 प्रिय दुख,
मेरे जन्म जन्म के साथी, 
तुमसे क्या पूछूं कि कैसे हो?
बचपन में एक गाना सुना था,
 राही मनवा दुख की चिंता क्यों सताती है, 
दुख तो अपना साथी है......
काश ये तथ्य तभी समझ आ जाता ...
मगर आता कैसे?