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रावण और जटायू में युद्ध हुआ और जब जटायु युद्ध हार

रावण और जटायू में युद्ध हुआ और जब जटायु युद्ध हार गया तब जटायु की अंतिम साँसे चल रही थी... तब एक दूसरे गिद्ध ने उसे कहा कि जटायू तुम्हें मालुम था कि तुम रावण से युद्ध कदापि नहीं जीत सकते, तो तुमने उसे ललकारा क्यों...?

तब जटायू ने बहुत अच्छा जवाब दिया था...

जटायु ने कहा कि मुझे मालुम था कि मैं रावण से युद्ध मे नहीं जीत सकता पर अगर मैंने उस वक्त अगर रावण से युद्ध नही किया होता तो भारत वर्ष की आने वाली पीढ़ियां मुझे कायर कहती, और एक भारतीय आर्य कुल नारी का अपहरण मेरी आँखों के सामने हो रहा है और मैं कायरों की भांति दुबका पडा रहूँ इससे तो मौत ही अच्छी है, मैं अपने सर पर कायरता का कलंक लेकर जीना नहीं चाहता था इसी लिए मैंने रावण से युद्ध किया...

ये एक पक्षी के भाव हैं अगर भारत वर्ष के हर हिन्दू की  ऐसी सोच होती तो आज भारत फिर से #विश्वगुरु होता..
रावण और जटायू में युद्ध हुआ और जब जटायु युद्ध हार गया तब जटायु की अंतिम साँसे चल रही थी... तब एक दूसरे गिद्ध ने उसे कहा कि जटायू तुम्हें मालुम था कि तुम रावण से युद्ध कदापि नहीं जीत सकते, तो तुमने उसे ललकारा क्यों...?

तब जटायू ने बहुत अच्छा जवाब दिया था...

जटायु ने कहा कि मुझे मालुम था कि मैं रावण से युद्ध मे नहीं जीत सकता पर अगर मैंने उस वक्त अगर रावण से युद्ध नही किया होता तो भारत वर्ष की आने वाली पीढ़ियां मुझे कायर कहती, और एक भारतीय आर्य कुल नारी का अपहरण मेरी आँखों के सामने हो रहा है और मैं कायरों की भांति दुबका पडा रहूँ इससे तो मौत ही अच्छी है, मैं अपने सर पर कायरता का कलंक लेकर जीना नहीं चाहता था इसी लिए मैंने रावण से युद्ध किया...

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