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लगता है बहुत कुछ बेच रहे हैं *गैरों के शहर में*

लगता है बहुत कुछ बेच रहे हैं
 *गैरों के शहर में* 

बहुत खाली खाली *अब अपना मकान दिखता है* 

इमारतें है ऊंची,दीवारें है शीशों का

पर आंगन का *वो सुंदर कहां चांद दिखता है* ?

लगता है बहुत कुछ...२

©Sujeet Sharma
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