#OpenPoetry वो इश्क का मौसम वो प्यार की बरसात वो रिमझिम बहती हवा वो अमावस्या की रात वो मेरी हर बात पर उसकी हर एक बात कब तक मैं ये बात बताता रहूंगा.... कब तक मैं ये बात बताता रहूंगा.... इश्क के मौसम मैं भी करना चाहता था इजहार एक बार कहने पर मैं भी जिंदगी देता उस पर वार उसे नहीं पता था पर मैं भी करता था उससे प्यार कब तक मैं प्यार जताता रहूंगा.... कब तक मैं ये बात बताता रहूंगा.... मैं था उसका दीवाना वो थी मेरी दीवानी गज़ल गीतो में ही निकल गयी मेरी पूरी जवानी याद मैं उसके गज़ल बनाई बनाई उस पर कहानी कब तक मैं गज़ल गाता रहूंगा... कब तक मैं ये बात बताता रहूंगा... उसकी याद का एक लम्हा मुझे हमेशा रुला देता उसकी हर एक याद में एक गजल मैं बना देता उसकी उसी याद में उसी गज़ल को सुना देता कब तक मैं गज़ल सुनाता रहूंगा.... कब तक मैं ये बात बताता रहूंगा.... -कवि जय पटेल दीवाना -मुँगाणा बाँसवाड़ा #OpenPoetry #openmike #बरसात #शायरी #बात #दीवाना #poem