राधा संग प्रेम रचाए कन्हैया, रुकमणी को अपनी पटरानी बनाएं। कान्हा की पटरानी बन कर रुकमणी, खुशी से फूली न समाएं। विष्णु लक्ष्मी का अवतार है, कान्हा रुक्मणी हर युग संग आए। रुकमणी है रूप लक्ष्मी का, हर कदम कान्हा का साथ निभाए। चाहे मीरा कान्हा के गुण गाए, चाहे राधा कान्हा संग रास रचाए। ना करती किसी से ईर्ष्या, हरदम रहती प्रेम की ज्योत जलाएं। जग में राधे कृष्ण की प्रीत है अमर, पर रुकमणी संग प्रेम विवाह रचाएं। अपने ही प्रीत की रीति में मगन रुकमणी, अपने रिश्ते का मान बढ़ाएं। परिणय सूत्र में बांधकर रुक्मणी को, सात फेरों के सारे वचन निभाए। स्वयं द्वारकाधीश बने और रुक्मणी को द्वारिका की महारानी बनाए। सुदामा जब मिलने आए द्वारिका में, रुकमणी से आदर करवाएं। देख अचंभित कृष्ण सुदामा की दोस्ती को सोचा कैसा है दोस्त बनाएं। दो मुट्ठी चावल खाकर कान्हा ने सुदामा को दे दिए जब दो लोक। तीसरी मुट्ठी कान्हा को खाने से रोककर रुकमणी एक लोक बचाएं। #rukminikrishna #krishna #krishnalove #love #yqbaba #yqdidi #yqquotes Time limit: till 10:00 pm tonight No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates... Results will be out tomorrow along with new topic...