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#प्रेमयाद_के_दोहे (1) चरण पखारुं मात का, पावन जल

#प्रेमयाद_के_दोहे

(1)
चरण पखारुं मात का, पावन जल से रोज ।
और मिले आशीष से, खिलता हृदय सरोज ।।

(2)
फूल सीख देती हमें ,नित्य खिले प्रति रोज।
दो दिन जीवन इनका,करे ख़ुशी की खोज ।।

(3)
स्त्री सम्हल कर जब चले,पल्लू ओढ़े आज ।
पति व्रता नारी वही ,जो करत चले लाज ।।

(4)
वाणी माधुर्य जो करे,मीठ मधु रस समान ।
विष भर कर जो जिए,वो काया मृत जान ।।

(5)
बुरे राह पर जो चले, इक दिन वो पछताय ।
महल ढहे जब लोभ का, माटी में मिल जाय ।।

(6)
लौट कभी आए नहीं, गया वक्त जो बीत ।
सफ़र सदा पूरा करें, यही जगत की रीत ।।

(7)
फूल हो कपास जैसा ,सीधा होवत बॉस ।
जीवोमृत्तन काम आऊ,प्रभुतेचरणोंदास ।।

(8)
ध्यान धरूँ मैं हर नफ़स, करूँ नहीं उपवास ।
मन  माला फेरा करूँ, ईश मिलन की आस ।।

(9)
जग रूपी बागान में , भाँति भाँति के फूल ।
कीचड़ में खिली सरोज, होती बड़ी अमोल ।।

(10)
कृष्ण प्रेम की बेलरी, तन मन हो खुशहाल ।
प्रेम अगर दिल से करें, करता प्रेम निहाल ।।

(11)
पुस्तक से हमको मिला, कई शाब्दिक ज्ञान ।
पर गुरु जब शिक्षा दिए, सिद्ध हुआ हर काम ।।

(12)
प्रेम याद हर क्षण करे,   गंगा जमना बहाय
तिनका जोड़े घर बने, नवीन पथ पर जाय

©Premyad kumar naveen #दोहा_अभ्यास 
#दोहा
#प्रेमयाद_के_दोहे
#प्रेमयाद_के_दोहे

(1)
चरण पखारुं मात का, पावन जल से रोज ।
और मिले आशीष से, खिलता हृदय सरोज ।।

(2)
फूल सीख देती हमें ,नित्य खिले प्रति रोज।
दो दिन जीवन इनका,करे ख़ुशी की खोज ।।

(3)
स्त्री सम्हल कर जब चले,पल्लू ओढ़े आज ।
पति व्रता नारी वही ,जो करत चले लाज ।।

(4)
वाणी माधुर्य जो करे,मीठ मधु रस समान ।
विष भर कर जो जिए,वो काया मृत जान ।।

(5)
बुरे राह पर जो चले, इक दिन वो पछताय ।
महल ढहे जब लोभ का, माटी में मिल जाय ।।

(6)
लौट कभी आए नहीं, गया वक्त जो बीत ।
सफ़र सदा पूरा करें, यही जगत की रीत ।।

(7)
फूल हो कपास जैसा ,सीधा होवत बॉस ।
जीवोमृत्तन काम आऊ,प्रभुतेचरणोंदास ।।

(8)
ध्यान धरूँ मैं हर नफ़स, करूँ नहीं उपवास ।
मन  माला फेरा करूँ, ईश मिलन की आस ।।

(9)
जग रूपी बागान में , भाँति भाँति के फूल ।
कीचड़ में खिली सरोज, होती बड़ी अमोल ।।

(10)
कृष्ण प्रेम की बेलरी, तन मन हो खुशहाल ।
प्रेम अगर दिल से करें, करता प्रेम निहाल ।।

(11)
पुस्तक से हमको मिला, कई शाब्दिक ज्ञान ।
पर गुरु जब शिक्षा दिए, सिद्ध हुआ हर काम ।।

(12)
प्रेम याद हर क्षण करे,   गंगा जमना बहाय
तिनका जोड़े घर बने, नवीन पथ पर जाय

©Premyad kumar naveen #दोहा_अभ्यास 
#दोहा
#प्रेमयाद_के_दोहे