ऐ सनम क्या तुझे भी मेरी याद आती होगी या मैं अकेला ही मगरूर हु तेरे इश्क़ में, ऐ सनम क्या तू भी मुझे चाहती होगी या एकतरफा प्यार है ये मेरा ऐ सनम क्या तू भी चुपके रोती होगी या मेरी ही आँखे नम रहती है ऐ सनम बता क्या तुझे मैं न चाहू या लिखता रहूं मैं ये जो तू पढ़ती है ऐ सनम बता तेरी इस ना को ना मानु मैं या इस तेरी ख़ामोशी को हा मानु मैं। ऐ सनम.......by mn2