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चलते चलते ज़िन्दगी की राहों में ,एक मोड़ पे जब मुलाक़

चलते चलते ज़िन्दगी की राहों में ,एक मोड़ पे जब मुलाक़ात हुई ,
लबों  पे  ठहरी  चुप्पी  थी , बस आँखों  से ही हज़ारो बात   हुई,

कुछ अतीत के क़िस्से तुमने सुनाए , जिनमे ज़िक्र हमारा भी आया था,
दिल  चुपचाप तुम्हे   सुनता   रहा ,  आँखों मे भी नीर भर आया था,

दिल   को   कहाँ  पता   था , कि  वो हमारी आख़िरी मुलाकात होगी,
हमारे   अधूरे    प्यार     को     मिली , ये   एक  और सौग़ात    होगी,

तुम   हमारे    हिस्से    में  ना   सही , मग़र किस्सों में हमेशा   रहोगे,
जब जब बात चलेगी रूहानी मोहब्बत की ,तब तुम हमे ही याद करोगे ,

सबको कहां मिलता है मुक़म्मल जहां, एक ख़्वाब किसी का रह ही जाता है,
फ़िर   मिलेंगें    किसी    मोड़  पे ,इश्क़ आके कानों   में कह   जाता है ।।
    
                                                   पूनम आत्रेय

©poonam atrey #आखिरी_मुलाक़ात 
#पूनमकीकलमसे 
#नोजोटोराइटर्स Sunita Pathania Mili Saha अदनासा- एक अजनबी प्रज्ञा शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन )