चाहे कितने हालात बद से बदतर हो हारना हमने सीखा नही ऐसा कोई जो साथ दे गर्दिश में आजतक दिखा नही तभी तो अकेले चलना सीखा वक्त के मझधार में करते हम रब पे भरोसा भरोसे के काबिल और कोई दिखा नही रब पे भरोसा