एक रिश्ता भी होता मैरा किसी से एक महबूब होता जो दिल मैं नहीं रूह मैं बसता @कार्तिक जी pooja negi# #दबा #हुआ_था_इश्क_उसलो_मैं_कहीं_वो_दब #कर_ही_रह_गया_कहीं #कार्तिक____जी @#!