सरफ़िरे जाबाज होते हैं वही आर्मी को चुनते है परिवार भी उनका निराला होता है भारत माँ को सौप देते है जो घर का लाडला होता है वर्ना हम जैसे लोगो के सौख देखो या तो मरने से डरते है या उनकी भी इच्छा देखो पिता को बेटे से मुखाग्नि चाहिए जीवन साथी की बाह चाहिए चार कंधे की अर्थी गंगा मे अस्थी बस यही तक सिमट कर रह जाती है हस्ती जरा सोचो वो पिता कितने दिलदार है हम हर उस माँ के कर्ज दार है जिनका बेटा आर्मी जवान है जिनसे भारत की शान है वो परिवार वाले कितना रोते होंगे ना जाने कैसे सोते होंगे हम क्षण भर में उनको भुल जाते हैं जो हमारे लिए सरहद पर जान गवाते हैं स्वाति की डायरी ✍️ ©Swati Tiwari #आर्मी