है कैद तू भी ज़माने की बंदिशों में कहीं मुझको भी तेरा मुज़रीम बन जाने दें....! साथ जीना मुनासिब नहीं तो क्या हुआ, तेरे संग अरमानों की सूली चढ़ जाने दें..! माना हम तेरी मोहब्बत के क़ाबिल नहीं, पर हमें भी तो तू किये वादे निभाने दें...! रों लेने दें तेरी कांधे पे सर रखके..राधे मेरे और ये दर्द के आँशु मेरे सारे बह जाने दें..!! तू सदा मुस्कुराती रहे.. राधे मेरे ❤ और तेरी हर पीड़ा मुझमें समा जाने दें....___💟💕 . . . . . .