Nojoto: Largest Storytelling Platform

चाहत में आज़ादी मिले न मिले, ऐ काश कि बर्बादी न मिल

चाहत में आज़ादी मिले न मिले, ऐ काश कि बर्बादी न मिले।
हमसफ़र खूबसूरत मिले न मिले, ऐ काश कि शहज़ादी न मिले।

मुतमईन चाहत की ख़्वाहिश लिए, फिरता रहता हूँ मैं आजकल।
हमसफ़र राज़ी मिले न मिले, ऐ काश कि नाराज़ी न मिले।

इश्क़ मेरा भी परवान चढ़ जाता, गर कोशिश-ए-खास होती।
मुकम्मल चाहत भी मिल जाती, ऐ काश कि वो राज़ी तो मिले।

दोनों ने इक़रार जो किया होता, तो आज हम एक होते।
निकाह का कलमा भी पढ़ लेते, ऐ काश कोई काज़ी तो मिले।

मैं अपनी वफाओं की हदें, अब खूब पहचानता हूँ साहिल।
मुझमें वफ़ा मिले न मिले, ऐ काश कि कोई साज़िश न मिले। ♥️ Challenge-626 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
चाहत में आज़ादी मिले न मिले, ऐ काश कि बर्बादी न मिले।
हमसफ़र खूबसूरत मिले न मिले, ऐ काश कि शहज़ादी न मिले।

मुतमईन चाहत की ख़्वाहिश लिए, फिरता रहता हूँ मैं आजकल।
हमसफ़र राज़ी मिले न मिले, ऐ काश कि नाराज़ी न मिले।

इश्क़ मेरा भी परवान चढ़ जाता, गर कोशिश-ए-खास होती।
मुकम्मल चाहत भी मिल जाती, ऐ काश कि वो राज़ी तो मिले।

दोनों ने इक़रार जो किया होता, तो आज हम एक होते।
निकाह का कलमा भी पढ़ लेते, ऐ काश कोई काज़ी तो मिले।

मैं अपनी वफाओं की हदें, अब खूब पहचानता हूँ साहिल।
मुझमें वफ़ा मिले न मिले, ऐ काश कि कोई साज़िश न मिले। ♥️ Challenge-626 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।