तू नही है... सोचती हूं खुद से नजरें मिला लूं,आईने में देखकर मुस्कुरा लूं पर सीने का दर्द न आंखों से छलक जाता है, जब नजर दिल खुद से मिलता है, बहुत जागती की है शायद उस इंसान के साथ जो दर्पण में नजर आता है... उसके लिए कुछ किया ही नहीं जो हर बात के लिए कुसुरवार ठहराया जाता है... जिसके लिए ही मैंने सब किया ये मुझे हमेशा कह दिया जाता है.... वो भी पूछता है मुझसे मैंने क्या गुनाह किया जो हर सजा मेरी है हर दर्द मेरा है, पर जब तू खुश होती है तो वो खुशियां सब की हैं, सब से हैं सब के लिए ही हैं, ये सब में तू है भी या नहीं तुझे मालूम है, खुद से पूंछ तू नही है न,तू नही है... बस तुझमें सब हैं, सब में तू कही भी नहीं हैं... और तू ये जानती हैं फिर भी तू है, तू ही बता ना तू क्यों है, जब कोई तेरा नही है... इन सवालों के जवाब नही मेरे पास, बस एक आस है जो नही है मेरे लिए मैं हूं फिर भी उनके लिए हमेशा क्यों की जब कोई नही होता न क्या महसूस होता है ये बताने के लिए तब कैसा लगता है दिल कितना दुखता है, मन कितना घुटता हैं, ये एहसास मुझे पता है, और बस जो अपने हैं न मेरे उन्हें ये महसूस ना हो इसलिए मुझे मालूम है सब मैं मैं नहीं हूं, पर सब के लिए मैं हूं, भले मैं नहीं हूं, पर सब को पता है तकलीफ होगी तो सबसे पहले उसका कोई है तो मैं हूं... तू नही है.... #स्नेह_के_साथी #mywritingmywords #mywritingmythoughts #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqhindiwriters #mywritingmymood