Nojoto: Largest Storytelling Platform

#OpenPoetry -आजादी- वहाँ वे तीनों मिले धर्मराज ने

#OpenPoetry -आजादी-
वहाँ वे तीनों मिले
धर्मराज ने कहा पहले से
दूर हटो —
तुम्हारी देह से बू आती है
सड़े मैले की
उसने उठाया झाड़ू
मुँह पर दे मारा ।
वहाँ वे तीनों मिले
धर्मराज ने कहा दूसरे से
दूर बैठो —
तुम्हारे हाथों से बू आती है
कच्चे चमड़े की
उसने निकाला चमरौधा
सिर पर दे मारा
वहाँ वे तीनों मिले
धर्मराज ने कहा तीसरे से नीचे बैठो —
तुम्हारे बाप-दादे
हमारे पुस्तैनी बेगार थे
उसने उठाई लाठी
पीठ को नाप दिया
अरे पाखण्डी तो मर गया !
तीनों ने पकड़ी टाँग
धरती पर पटक दिया
खिलखिलाकर हँसे तीनों
कौली भर मिले
अब वे आज़ाद थे।
——————————–
कवि- मलखान सिंह जी 
आज हमारे बीच नही रहे उनको भावभीनी श्रद्धांजलि💐 #NojotoQuote -आजादी-
वहाँ वे तीनों मिले
धर्मराज ने कहा पहले से
दूर हटो —
तुम्हारी देह से बू आती है
सड़े मैले की
उसने उठाया झाड़ू
मुँह पर दे मारा ।
#OpenPoetry -आजादी-
वहाँ वे तीनों मिले
धर्मराज ने कहा पहले से
दूर हटो —
तुम्हारी देह से बू आती है
सड़े मैले की
उसने उठाया झाड़ू
मुँह पर दे मारा ।
वहाँ वे तीनों मिले
धर्मराज ने कहा दूसरे से
दूर बैठो —
तुम्हारे हाथों से बू आती है
कच्चे चमड़े की
उसने निकाला चमरौधा
सिर पर दे मारा
वहाँ वे तीनों मिले
धर्मराज ने कहा तीसरे से नीचे बैठो —
तुम्हारे बाप-दादे
हमारे पुस्तैनी बेगार थे
उसने उठाई लाठी
पीठ को नाप दिया
अरे पाखण्डी तो मर गया !
तीनों ने पकड़ी टाँग
धरती पर पटक दिया
खिलखिलाकर हँसे तीनों
कौली भर मिले
अब वे आज़ाद थे।
——————————–
कवि- मलखान सिंह जी 
आज हमारे बीच नही रहे उनको भावभीनी श्रद्धांजलि💐 #NojotoQuote -आजादी-
वहाँ वे तीनों मिले
धर्मराज ने कहा पहले से
दूर हटो —
तुम्हारी देह से बू आती है
सड़े मैले की
उसने उठाया झाड़ू
मुँह पर दे मारा ।