बड़े हसीन पन्नों की किताब थी मेरी ज़िंदगी | बस ये समझ लो कोई ख्वाब थी मेरी जिंदगी किसी ने आकर बदल दिया सारा स्लेबस | वरना बहुत लाजवाब थी मेरी जिंदगी | शिकायतें करें भी तो तुझसे क्या करें ए ज़िंदगी | तू बता अब जिये या मरे ए जिंदगी । लाख कोशिशों में भी ना हुआ वो अपना । इससे ज्यादा तू बता क्या करें ए जिंदगी । उससे पहले मानो गुलाब थी मेरी जिंदगी। बड़े हसीन पन्नों की किताब थी मेरी ज़िंदगी | बस ये समझ लो कोई ख्वाब थी मेरी जिंदगी। किसी ने आकर बदल दिया सारा स्लेबस | वरना बहुत लाजवाब थी मेरी जिंदगी | ©Sandip rohilla #Books