*कर्तव्य से भटकाव* छोटा परिवार जिसमें एक माँ पिता और पुत्र हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार है जो उतना ही कम आता है जिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो जाता है। माता और पिता अपने पुत्र विक्रम की हर ख्वाहिश है पूरी करना चाहते हैं। पिता इसके लिए दिन-रात कठोर परिश्रम करता है और जो कुछ कम आता है उसमें से अधिकांश अपने पुत्र पर खर्च करता है वह से पढ़ा लिखा कर काबिल बना देता है। पूरी कहानी कैप्शन में पढ़े...... छोटा परिवार जिसमें एक माँ पिता और पुत्र हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार है जो उतना ही कम आता है जिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो जाता है। माता और पिता अपने पुत्र विक्रम की हर ख्वाहिश है पूरी करना चाहते हैं। पिता इसके लिए दिन-रात कठोर परिश्रम करता है और जो कुछ कम आता है उसमें से अधिकांश अपने पुत्र पर खर्च करता है वह से पढ़ा लिखा कर काबिल बना देता है। माता-पिता वृद्धा अवस्था में चले जाते है पुत्र की शादी हो जाती है पत्नी के आने के बाद पुत्र अपने माँ पिता से भली प्रकार से बात नहीं करता है उ