।। ॐ ।। अथेन्द्रमब्रुवन् मघवन्नेतद्विजानीहि किमेतद्यक्शमिति तथेति तदभ्यद्रवत् तस्मात्तिरोदधे ॥ तब उन्होंने इन्द्र से कहा, ''हे सम्पदाओं के स्वामी (मघवन्), इसके विषय में ज्ञान प्राप्त करो कि यह बलशाली यक्ष क्या है।'' उसने कहा, ''तथा इति।'' वह द्रुतगति से 'उसकी' ओर गया। 'वह' इन्द्र के सामने से तिरोहित हो गया। Then they said to Indra, “Master of plenitudes, get thou the knowledge, what is this mighty Daemon.” He said, “So be it.” He rushed upon That. That vanished from before him. केनोपनिषद तृतीय खण्ड मंत्र ११ #केनोपनिषद #उपनिषद #वेदांत #इन्द्र #यक्ष #परब्रह्म