मेरी पतझड़ सी कविता में, कोई गुलजार आया है तेरी श्वासों की सरगम पर, नया श्रृंगार आया है चहक उठता ये मन मेरा, मचल बैठी ये धड़कन है मुझे एहसास होता है , कोई त्योहार आया है #Swabhiman_Singh ©hindi saar #WorldEmojiDay2021