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रात बेचैन है समंदर समाता ही नहीं शोर करता है बेवज

रात बेचैन है 
समंदर समाता ही नहीं
शोर करता है
बेवजह तो टकराता नहीं
चांद आता है
ये भी कुछ बताता ही नहीं
याद आती है
बिन तेरे रहा जाता नहीं
दर्द तो ठीक है
पर इतना सहा जाता नहीं
तुम सुनते नहीं
अब मुझसे भी कहा जाता नहीं
रंग तो हैं वही
खुशनुमा वो मंज़र नज़र आता नहीं
दस्तक देती है हवा
वो सांझ घर मगर आता नहीं
है यहीं आस पास 
चश्मेबर नज़र आता ही नहीं
चांद महका है ज़रा
शोख़ ख़्याल ये जाता ही नहीं
 #toyou #yqwanderingmoon #yqlove #yqmemory #yqnostalgia
रात बेचैन है 
समंदर समाता ही नहीं
शोर करता है
बेवजह तो टकराता नहीं
चांद आता है
ये भी कुछ बताता ही नहीं
याद आती है
बिन तेरे रहा जाता नहीं
दर्द तो ठीक है
पर इतना सहा जाता नहीं
तुम सुनते नहीं
अब मुझसे भी कहा जाता नहीं
रंग तो हैं वही
खुशनुमा वो मंज़र नज़र आता नहीं
दस्तक देती है हवा
वो सांझ घर मगर आता नहीं
है यहीं आस पास 
चश्मेबर नज़र आता ही नहीं
चांद महका है ज़रा
शोख़ ख़्याल ये जाता ही नहीं
 #toyou #yqwanderingmoon #yqlove #yqmemory #yqnostalgia