मन बंजारा बन घूम रहा। अपनी मस्ती में झूम रहा। 💐💐💐💐💐💐💐 अभिलाषाओं के अम्बर में मन बंजारा बन घूम रहा तन रहता है मद् में डूबा अपनी मस्ती में झूम रहा। 💐💐💐💐💐💐💐 कुछ भाव लिए कोई घाव लिए पिछली अबकी कुछ याद लिए अपनेपन का एहसास लिए नित नूतनता को चूम रहा। ♥️ Challenge-780 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।