उसे परवाह ही नहीं इस दिल की फिर भी इस दिल में आने की कोशिश क्यूँ करता है। किसी और को उसने दिल में बसा रखा है फिर मेरे दिल में खुद को बसाने की कोशिश क्यूँ करता है मै भूली तो नहीं आज भी उसे, हा मगर.. उसे याद कर करके पहले की तरह तड़पती नहीं दिन रात आँशुओ में डूबकर बहती नहीं छोड़ क्यूँ नहीं देता तन्हा मुझे मेरे हाल पर.. वो फिर से तड़पाने की कोशिश क्यूँ करता है। रत्ती भर भी वफ़ा उसने की नहीं एकतरफा निभाते रहे हम ही रिश्ते तोड़कर फिर से वो मेरी मोहब्बत को आजमाने की कोशिश क्यूँ करता है..। प्रभा "आभा"..✍️ 21/03/2023 Tuestday 03:25 #prabha_ki_kavitayen #sadquotes