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समा से मिलकर परवाना जल जाता है मोहोब्बत में हसरतों

समा से मिलकर परवाना जल जाता है
मोहोब्बत में हसरतों का खजाना जल जाता है।

दिल टूट जाता है अपने ही अजीज़ के हाथोँ,
दो दिलों से मिलकर बना आशियाना जल जाता है।

लाख इन्तज़ारी ए वफ़ादारी अब काम के नही रहे,
वक़्त के साथ साथ यहाँ हर फँसाना जल जाता है।

कान पकड़ते हैं विराज अब किसी से मोहोब्बत नही करेंगे,
इस मोहोब्बत की आग में मेरे जैसा हर दीवाना जल जाता है।

©V.k.Viraz
  Shilpa yadav Priya Gour Anjuu meraj Neetu Sharma   Sanam shona