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रुकता नहीं मैं कभी कहीं बस चलता ही जाता हूं आना जा

रुकता नहीं मैं कभी कहीं
बस चलता ही जाता हूं
आना जाना,जाना आना
इसमें ही सुख पाता हूं

©परिंदा
  #chaand  Bharti Singh