द्रोपदी का चीर तो कृष्ण ने बचा लिया। यहां न जाने कितने दुशासन चीर हरने को बैठे है। कृष्ण का चीर कम पड़ गया। कौरव जख्म बढाने को बैठे हैं। शकुनि मामा बस लाचारी देख हंसते रह गए। पांडव अब धृतराष्ट्र बनकर बैठे हैं।-नेहा शर्मा ऐसी पब्लिक ऐसे धर्म के ठेकेदार