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अज्ञान ही सब दुखों की महान जननी है, और मूलभूत अज्ञ

 अज्ञान ही सब दुखों की महान जननी है, और मूलभूत अज्ञान तो यही है कि जो अनंतस्वरुप है, वह अपने को सान्त मानकर रोता है व, चिल्लाता है, समस्त अज्ञान का आधार यही है कि हम अविनाशी, नित्य, शुद्ध, पूर्ण आत्मा होते हुए भी सोचते हैं कि हम तो हम छोटे-छोटे मन हैं, हम छोटी छोटी देह मात्र हैं।


-स्वामी विवेकानंद 

@ekduniyabunteh
#ekduniyabunteh 
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 अज्ञान ही सब दुखों की महान जननी है, और मूलभूत अज्ञान तो यही है कि जो अनंतस्वरुप है, वह अपने को सान्त मानकर रोता है व, चिल्लाता है, समस्त अज्ञान का आधार यही है कि हम अविनाशी, नित्य, शुद्ध, पूर्ण आत्मा होते हुए भी सोचते हैं कि हम तो हम छोटे-छोटे मन हैं, हम छोटी छोटी देह मात्र हैं।


-स्वामी विवेकानंद 

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