मथुरा से मैं मन का खज़ाना ले चला आया छोड़ आया मैं अब मैं को तेरी नज़रों से पी के मैखाना ले चला आया। दर तो न आया तेरे फिर भी दूर की डोर से मिला दिया लेने तो आया था अपने अंश को अपनी प्रकृति ही तुझे देके चला आया छोड़ आया मैं अब मैं को तेरी नज़रो से पी के मैखाना ले चला आया। कैसा है ये तेरा करिश्मा न पाया कुछ न खोया कुछ न मैं रहा.. न मेरा कुछ भर के आनंद का झोला ले चला आया छोड़ आया मैं अब मैं को तेरी नज़रों से पी के मैखाना ले चला आया। #nammy27 #guru #गुरु #प्रेम #मथुरा #सत्संग म से मन थुरा से खज़ाना मथुरा से मैं मन का खजाना ले चला आया.... मालिक की याद में..