मान लो किसी सुबह तुम जागो और हम ना मिले , तुम ढूंढो हर जगह हर तरफ पर हम ना मिले । तुम पूछो हर गली हर रास्ते से मेरा पता , तुम्हारी हर कोशिस के बाद भी कुछ पता ना चले । तो तुम किसे सुनाओगे अपने बचपन की कहानी ? तो तुम किसे दिखाओगे अपने पहले प्यार की निशानी ? फिर तुम किससे हर छोटी-छोटी बात पर लड़ोगे ? फिर तुम कॉलेज के बाद किसका इंतजार करोगे ? सब सच जानकर भी किससे तुम ऐसे अंजान बनोगे ? फिर तुम किसकी निशानी किसकी पहचान बनोगे ? क्या तुम मुझे मेरी हर कविता में खोजा करोगे ? क्या तुम सालो तक सबसे मेरे बारे में पूछा करोगे ? क्या तुम मेरी माँ को हमारी कहानी बताओगे ? जो हमारे सपने है उसे कैसे और कहाँ दफ़नाओगे ? क्या तुम मेरे हर राज को हमेशा राज बनाकर रखोगे ? तुम उजाले में जिओगी या दिन को रात बनाकर रखोगे ? क्या तुम मेरी डायरी पढ़कर मेरे सच का पता लगाओगी ? गर कोई हमारे रिश्ते के बारे में पूछेगा तो उसे क्या बताओगी ?