चौथ के चाँद! अनय के मान! ऋतु के त्राण रूप की खान बनाए रखना वो दिनमान जिससे तुम हो पाते हो प्राण व्रती की स्वाँसें स्वर्णिम गीत तुम्हारा स्मरण चन्द्र सुकीर्त नेह का सौम्य सुहासित नाम बँधी है डोर प्रणय की रीत धरा से जोड़ा है आसमान घर आँगन ज्योतित धाम रमे रमणा नित करें प्रणाम प्रीत से सुराभित रहना चाँद निहारें आँचल की कर ओट लगे न कोई दृष्टि खोट... धवल धी जगमग रहे जहान यों ही चमकते रहना चाँद! #toyou#tothemoon#ilovemoon#festivity#yqlove#yqcoloursoflife