निखर आयी वो फिर मेरे ख्याल में जैसे, मैं उसे पूरी तरह भुला भी नहीं था वैसे, अब फिर झगड़ कर रात में नींद खराब होगी, अब फिर मैं शतरंज का बिना काम वाला राजा, और मुझे दूसरों से बचाती मेरी रानी की धाक होगी, हालांकि अब उसे मेरा ख्याल भी बिना वजह ही आता है, पर उसके अच्छे बुरे की मुझमें फिर से आस होगी, कम्बख़त इश्क़ में ये क्या मसला रहता है, जो मेरा हो ही नहीं सकता वो मेरा खूबसूरत सा ख्याल होगी, उसकी गलियों में फिर खड़ा मिलूंगा मैं ख्वाब में, उसकी नज़र में फिर किसी और कि तलाश होगी, तमाम रंजिशों में मैं फिर से ढूंढता रहूँगा अपनी गलतियाँ, मेरी खुद की दलील के चलते वो हर्फ़े बेगुनाह होगी, खैर इस एक ड्रामे से एक बात तो मेरे हक में होगी, वो लड़ती-झगड़ती एक ख्याल के जैसे ही सही, अब कुछ और रोज़ सिर्फ वही मेरी तन्हाइयों में मेरे पास होगी। ©Pràteek Siñgh #आखिर ये #मोहब्बत #चाहती क्या है। #standAlone