गिलहरी और सांप Read full Story in caption. #childstory #kidsstory #junglebook गिलहरी और सांप एक बार झारखंड से लगे बिहार के मैदानी भागों में बहुत तेज बारिश हुई। नदी, नाले, ताल तलैया सब के सब लबालब भर गए। बारिश के पानी में खेत, खलियान डूबने लगे। जमीन पर एवं बिलों में रहने वाले जीव-जंतु जान बचाने के लिए ऊँचे और सूखे स्थान की ओर रुख करने लगे। धीरे-धीरे पूरा का पूरा इलाका बाढ़ के मटमैले और गंदे पानी में डूब गया। बड़े-बड़े पेड़ ऐसे प्रतीत होते थे मानों सपाट मरुस्थल में खजूर और बबूल की गिनी-चुनी झाड़ियाँ खड़ी हों। समतल धरती का कोई कोना सूखा न बचा था। इसी इलाके में नीम के एक पुराने पेड़ की कोटर में गिलहरियों का एक परिवार रहता था। बारिश के बाद उस नीम के पेड़ पर भी बहुत सारे जीवों जैसे- बंदर, छिपकली, गिरगिट आदि ने अपना डेरा जमा लिया था। इन जीवों से गिलहरियों को कोई नुकसान नहीं था और गिलहरी-परिवार बच्चों संग मौज में था। अचानक पेड़ की ऊँची डाली पर बैठे एक बंदर ने अजीब आवाज निकालना प्रारंभ कर दिया। पेड़ पर बैठे सारे बंदर इधर-उधर भागने लगे। वो सभी जोर- जोर से चीखने लगे। पेड़ के कोटर में मखमली बिछावन पर बैठकर मूँगफलियों की दावत उड़ाता गिलहरी-परिवार चौकन्ना हो गया। बच्चों को रोयेंदार बिछावन के अन्दर छुपा कर उनके माँ-बाप सहमते हुए कोटर के खुले मुँह तक आये और डरी, सहमी नजरों से बाहर की स्थिति का जायजा लेने की कोशिश की।