अवसाद का अंत और स्वस्थ मनुष्य का भोग हूं मैं, सात चक्र और पंचतत्व के कुलयोग का संयोग हूं मैं, एकात्म और परमात्म के मिलन का सहयोग हूं मैं , स्वस्थ देश, स्वस्थ मनुष्य, स्वस्थ मस्तिष्क के लिए सुयोग्य हूं मैं, ऋषि पतंजलि के दिव्य विरासत को जन जन तक पहुंचाने का कर्मयोग हूं मैं, नाम से ' योग ' और काम से ' अमोघ ' हूं मैं । भारत की आध्यात्मिक सम्पदा और सांस्कृतिक धरोहर का उद्योग हूं मैं, असाध्य रोगों,ब्लड सुगर, कोलेस्ट्रॉल का प्रतिरोध हूं मैं, आलास्य हटाने , स्फूर्ति लाने , एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का प्रयोग हूं मै, भारत मां के सपूत द्वारा अखिल विश्व में आज बोध हूं मैं, पर दुख इस बात का है कि अब भी राष्ट्र के युवाओं से वियोग हूं मैं, नाम से ' योग ' और काम से ' अमोघ ' हूं मैं । ~ PS #Yoga