गुलाब हक़ीकत से बहुत परे था, वो कोई ख़्वाब रहा होगा संग काँटों के भी खुश था, शायद गुलाब रहा होगा अनुशीर्षक में जारी...... #गुलाब हकीकत से बहुत परे था, वो कोई ख्वाब रहा होगा संग काँटों के भी खुश था, शायद गुलाब रहा होगा दर्द की कसौटी पर हर रोज खड़ा उतरता होगा चुभन महसूस करता और खिला करता होगा तरस खाता होगा और वो आहें भरता होगा