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तुम जब हर रोज़ "सताती" थी मुझे सता कर फ़िर तू "मन

तुम जब हर रोज़ "सताती" थी मुझे 
सता कर फ़िर तू "मनाती" थी मुझे 

अदाओं के  "जलवे"  तेरे  कमाल थे 
बिखरे-बिखरे तेरे  बाल बेमिसाल थे 

तेरा रूठना,रूठकर के नाराज होना 
नाराज़ होकर भी, मेरा ख़याल होना 

याद हैं आज भी, ख़ूबसूरत वो शाम 
होता था जब  हाथों में मेरे तेरा हाथ 

निगाहों से करते थे बातें, शरारत हम 
सुकून मिलता, जब पास होते थे हम  ♥️ Challenge-590 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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तुम जब हर रोज़ "सताती" थी मुझे 
सता कर फ़िर तू "मनाती" थी मुझे 

अदाओं के  "जलवे"  तेरे  कमाल थे 
बिखरे-बिखरे तेरे  बाल बेमिसाल थे 

तेरा रूठना,रूठकर के नाराज होना 
नाराज़ होकर भी, मेरा ख़याल होना 

याद हैं आज भी, ख़ूबसूरत वो शाम 
होता था जब  हाथों में मेरे तेरा हाथ 

निगाहों से करते थे बातें, शरारत हम 
सुकून मिलता, जब पास होते थे हम  ♥️ Challenge-590 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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krishvj9297

Krish Vj

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