याद का बोझ ढो रही होगी अपना आँचल भिगो रही होगी कर दिया कत्ल इश्क़ का उसने अब वो हाथों को धो रही होगी चाह कर भी नही हुई मेरी जाने किसकी वो हो रही होगी ईद में चाँद वो नहीं देखी ईद के दिन भी रो रही होगी तोड़ कर फूल इश्क़ का उसने अब कहाँ बीज बो रही होगी #NojotoQuote #fitoor #whatsapp #group