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मैं बड़ा हुआ गौरेया को देख देख कर पहले घर,छत,आँगन ह

मैं बड़ा हुआ गौरेया को देख देख कर
पहले घर,छत,आँगन हर जगह दिखती थी
मेरे थाली से कई बार दाना चुगती थी
बहुत निडर बहुत चंचल 
बहुत कोमल भी थी शायद
इस बदलती दुनिया में खुद को नही ढाल पाई
मुश्किल से दिखाई देती हैं अब 
हम उसे खो रहे हैं दुःखद हैं 
कहीं वो हमारी कल्पना में सिमट कर न रह जाए
-राकेश तिवारी- #worldsparrowday #गौरेया #goreya #sparrow #sparrowlove #hindiwriters #hindikavita #yqdidi 
YourQuote Baba 
YourQuote Bhaijan 
YourQuote Dost
मैं बड़ा हुआ गौरेया को देख देख कर
पहले घर,छत,आँगन हर जगह दिखती थी
मेरे थाली से कई बार दाना चुगती थी
बहुत निडर बहुत चंचल 
बहुत कोमल भी थी शायद
इस बदलती दुनिया में खुद को नही ढाल पाई
मुश्किल से दिखाई देती हैं अब 
हम उसे खो रहे हैं दुःखद हैं 
कहीं वो हमारी कल्पना में सिमट कर न रह जाए
-राकेश तिवारी- #worldsparrowday #गौरेया #goreya #sparrow #sparrowlove #hindiwriters #hindikavita #yqdidi 
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