शर्मिदा हूँ खुद की ग़लतियों से, तुम तो हद से ज्यादा प्यार देते हों । शिकायतें नहीं है अब हमें किसी से, तुम ही तो मेरी फ़रियाद सुनते हो । नजरे छूना चाहती हैं उन एहसासों को जो तुम्हारे होने से गुजरती है.. मेरे हुज़ूर ! पल पल महकता है मन मेरा, तुम ही तो मेरी सांसे हो .... #मेरेमालिक #मेरेरहनुमा... #YourQuoteAndMine Collaborating with അക്ഷരങ്ങൾ ✒️