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सबसे ज्यादा दुर्लभ और उतनी ही जरूरी अगर कोई चीज़ ह

 सबसे ज्यादा दुर्लभ और उतनी ही जरूरी अगर कोई चीज़ है तो वो है "शान्ती" अपने घर के शांत माहौल में न्यूज़ चैनलों के सामने बैठ कर जंग-जंग चिल्लाने से क्या मसले हल हो जाते है? बारुदो, गोलियों, और लाशों के बीच खून से तर ज़मीं में बैठ कर क्या आप युद्ध की बात करेंगे, शायद आप ऐसे खोफनाक मंज़र की कल्पना भी नहीं करेंगे। इसलिए युद्ध मसलों का हल नहीं है। जंग से सिर्फ जाने जाती है आपकी नहीं तो किसी और की। सभी जानते है, शान्ती एकमात्र उपाय है खुश रहने के लिए।
 सबसे ज्यादा दुर्लभ और उतनी ही जरूरी अगर कोई चीज़ है तो वो है "शान्ती" अपने घर के शांत माहौल में न्यूज़ चैनलों के सामने बैठ कर जंग-जंग चिल्लाने से क्या मसले हल हो जाते है? बारुदो, गोलियों, और लाशों के बीच खून से तर ज़मीं में बैठ कर क्या आप युद्ध की बात करेंगे, शायद आप ऐसे खोफनाक मंज़र की कल्पना भी नहीं करेंगे। इसलिए युद्ध मसलों का हल नहीं है। जंग से सिर्फ जाने जाती है आपकी नहीं तो किसी और की। सभी जानते है, शान्ती एकमात्र उपाय है खुश रहने के लिए।