जनता ने ही राजा चुने,जनता ने ही चुने वज़ीर इसी मिट्टी में मिल गये, सब राजा , रंक , फकीर फकीर ने जिंदगी की मिसाल दी , धूल उछालकर मुट्ठी में सोना लिये रह गये शहर के कई अमीर मेहनत से ही तय होते हैं फासले राहों के कभी मुकद्दर तय नहीं करती,हाथ की एक लकीर जीत रहे या हार रहे पर देश न ये लाचार रहे नफ़रत से भरी इस दुनिया में,बस बहे मधुर समीर सुख , सुविधा , धन और यश के खातिर तन को बेचो,मन को बेचो,पर जिन्दा रखो ज़मीर ©Anoop Kumar Mayank Anoop kumar mayank's poetry 😊❤️💫💯 #anoopkumarmayank #anoopindergarh #GateLight