बढ़ता सफ़र कुछ आगे –आगे, छोड़ता गया पीछे यादें अनेक। मैं मुसाफ़िर घूमता शहर–शहर, अब पहुंच गया तेरे शहर में देख। ✍️Dheeraj Kohli ©Er. Dhiru Kohli #सफ़र