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White शौक है कि शोक कहीं कभी जो इक शौक (+) हुआ

White शौक है कि शोक

कहीं कभी जो इक  शौक (+)  हुआ  करता था, 
बड़े ही नाजों/जतनों और हर्षो-उल्लास से पला था जो,,,
कोमल, मृदुल, भावुक, सुंदर 
और 
हर्षपूर्ण प्रकृति की सभी कृतियों;
धरती अंबर नदी पहाड़ घाटी झरने नालों _-- 
पेड़ पौधे पशु पक्षी फल फूल और जीवों की तरह,,, 
करुणामय ह्रदय का प्यारा 
दिन की नींदे रातों के सपने
भोर का आनंद गोधूली का प्रसंग
सुबहो का आलस्य शामों की ताजगी 
और
 दोपहर की आवारा गर्दी/ मटरगस्ति का सहारा,,,,
मुझे प्यार करने वाला,
मुझसे बतियाने वाला मुझमें स्फूर्ति भरने वाला
 मुझसे मस्ती करने वाला ,, 
उन दिनों उसने मुझमें पंख लगा दिए थे,,,,,,

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©Rakesh frnds4ever
  #शौक  है कि #शोक 

#कहीं कभी जो इक  शौक (+)  हुआ  करता था, 
बड़े ही #नाजों /जतनों और हर्षो-उल्लास से पला था जो,,,
कोमल, मृदुल, भावुक, सुंदर 
और 
हर्षपूर्ण #प्रकृति  की सभी कृतियों;
#धरती_अंबर   नदी पहाड़ घाटी झरने नालों _--

#शौक है कि #शोक #कहीं कभी जो इक शौक (+) हुआ करता था, बड़े ही #नाजों /जतनों और हर्षो-उल्लास से पला था जो,,, कोमल, मृदुल, भावुक, सुंदर और हर्षपूर्ण #प्रकृति की सभी कृतियों; #धरती_अंबर नदी पहाड़ घाटी झरने नालों _-- #प्यार #कविता #मस्ती #पेड़_पौधे #ह्रदय

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