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White **नहीं करना इज़हार मुझे** नहीं करना इज़हा

White **नहीं करना इज़हार मुझे**  

नहीं करना इज़हार मुझे,  
इन ख़ामोश धड़कनों का।  
जो दिल में उठती है लहरें,  
उन्हें लफ्ज़ों में समेटना नहीं है।  

तुमसे कुछ कहने की चाह में,  
खुद से ही लड़ता हूँ मैं।  
पर ये ख़ामोशी बेहतर है,  
इसे ही जीता हूँ मैं।  

तुम्हारी मुस्कान में छिपी कहानियाँ,  
मैं बिन कहे पढ़ता हूँ।  
मगर अपनी आंखों की बातें,  
कभी तुमसे न कहता हूँ।  

कभी डर है कि तुम समझ न पाओ,  
कभी डर है, शायद तुम दूर हो जाओ।  
इसलिए हर बार चुप रहता हूँ,  
नज़रें झुका लेता हूँ, सब सहता हूँ।  

नहीं करना इज़हार मुझे,  
क्योंकि शायद ये बेहतर है।  
चुप रहकर देखता हूँ तुम्हें,  
ये एहसास ही गहरा है।

©आगाज़ #इजहार aditi the writer  amit pandey  DASHARATH RANKAWAT SHAKTI  Kamaal Husain
White **नहीं करना इज़हार मुझे**  

नहीं करना इज़हार मुझे,  
इन ख़ामोश धड़कनों का।  
जो दिल में उठती है लहरें,  
उन्हें लफ्ज़ों में समेटना नहीं है।  

तुमसे कुछ कहने की चाह में,  
खुद से ही लड़ता हूँ मैं।  
पर ये ख़ामोशी बेहतर है,  
इसे ही जीता हूँ मैं।  

तुम्हारी मुस्कान में छिपी कहानियाँ,  
मैं बिन कहे पढ़ता हूँ।  
मगर अपनी आंखों की बातें,  
कभी तुमसे न कहता हूँ।  

कभी डर है कि तुम समझ न पाओ,  
कभी डर है, शायद तुम दूर हो जाओ।  
इसलिए हर बार चुप रहता हूँ,  
नज़रें झुका लेता हूँ, सब सहता हूँ।  

नहीं करना इज़हार मुझे,  
क्योंकि शायद ये बेहतर है।  
चुप रहकर देखता हूँ तुम्हें,  
ये एहसास ही गहरा है।

©आगाज़ #इजहार aditi the writer  amit pandey  DASHARATH RANKAWAT SHAKTI  Kamaal Husain
shraddhashrotriy5332

आगाज़

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