बीतती सेहरों में, पल पुराने सींचते होगे तुम। याद करने कल को, आँख मींचते होगे तुम।। क्या सावन अगहन, तारीखें नोचते होगे तुम। फिर लगा कयास भावी, हमें सोचते होगे तुम।। ©गुस्ताख़शब्द #waiting #पल #आज #कल #गुस्ताख़शब्द #हिंदी_कविता #longing हिंदी कविता